सपनो के ऐसास दिल की सीमा तक पार्ट -2 : दिल ये मेरा कहता हे।

सपनो के ऐसास दिल की सीमा तक पार्ट -2 :
चोरी-चोरी छुपके-छुपके बाहो मे तुम आ ओना, होले-होले धिरे-धिरे चैन मेरा तुम चुरओ ना ...
वादा कर के तुम आके न जाणा, दिल लगी को आके बुजओ ना_ हाल मेरा तुम्हे कैसे बताऊ_ धडकन मेरी तुम पहेचानो ना...... ,

 यादो के आशियाने मे, प्यार के महेखाणे मे_ दिल के दरवाजे पर लगी हे तसवीर तुमहारी _
निद आती नही, रात कटती नही , याद तुम्हारी जाती नही _रात भर करवटे बदलते रहे, सुबह का इंतजार खतम होता ही नही
फूलो का गजरा , आखो का कजरा, होटो की लाली , माथे की बिंदीय , चुडीयो की खन-खन , पायल की छन_छन  , याद आती हे तुम्हारी ....

दिल ये मेरा कहता हे_ ये मेरे माहेबूब दिल के , दरवाजे पर दस्ताक कब दोगे ......

अब इंतजार होता नही, ये वक्त रुकता नही _ कही येसा न हो की इंतजार करते करते रुक न जाये सास हमारी .................      

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सपनो के ऐसास दिल की सीमा तक _ केसा लगा प्ल्झ कमेन्ट/शेअर करे....   


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