सपनो के ऐसास दिल की सीमा तक _ पार्ट -1 : तन्हा जिंदगी

सपनो के ऐसास दिल की सीमा तक_ पार्ट -1 : तन्हा जिंदगी
चाँद  तन्हा, आसमा भी तन्हा, मे भी तन्हा , तू भी तन्हा, दिल भी भी तन्हा, हम से प्यारा हो कर ये जहा भी तन्हा ,एसे मे दिल मिला हे कहा कहा तन्हा .......
राह देखा करेगे सदीयो तक, छोड जयेगा ये जहा तन्हा ... न मे राहुगा, न तू रहेगी, फिर भी _ रहे जाएगी ये यादे , फिर आयेगे लौठकर हम, न रहेगा हमरा ये प्यार तन्हा ....

फिर न रहेगा ये चाँद तन्हा, न रहेगा ये आसमा भी तन्हा, न रहेगा ये दिल तन्हा और कूच भी न रहेगा तन्हा यहा ..........

बस चारो ओर रहेगा प्यार की खूशीया ही खूशीया ,भले ही बदले ये सदिया ये चाँद और सीतरे_चाहे कितणे तूफान आये या बदले कितणे भी मौसम _हर युग मे बदले रूप हमरा, पर न बदले प्यार हमरा _ सदीयो तक जवा  रहे खिल खिलाता_ मुसकूरता रहे ये प्यार हमरा ....
न रहे तन्हा कोई बस लब पर आये प्यारा नाम तुम्हारा ,प्यार की ये सौगत हर दिलो मे रहे जवा ...प्यार से शुरू हो दिन और प्यार से ही खतम हो ये रात _चारो ओर गुंजे बस एक ही प्यारा  नाम  तुम्हारा ......

सपनो के ऐसास दिल की सीमा तक _ केसा लगा प्ल्झ कमेन्ट/शेअर करे....   

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