मै सबसे ज्यादा खुश अपने ही साथ होता हूँ ।

मै सबसे ज्यादा खुश अपने ही साथ होता हूँ ।
किसी और के साथ तो
दिखावा करना होता है ।
सच लोग सुनना नही चाहते।
झूठ मुझसे बोला नहीं जाता ।
अच्छा व्यवहार करो तो लोग
फायदा उठाने लगते है नर्मदिली का
लहजा सख्त करो तो अहंकारी समझे जाते है।
दूसरे आपका मूल्यांकन अपनी ही नजर से करेंगे ।
इसलिए मै आजकल अपने ही साथ खुश हूँ ।
किस किस को हम अपनी बेगुनाही का देते रहे सबूत
इसलिए हर गुनाह क़बूल कर रहा हूँ मै ।
संगदिल कहे मगरूर कहे जो भी चाहे कहता रहे ।
मुझे पता है क्या भूल कर रहा हूँ मै ।
मुझे किसी खुदा की तलाश नहीं
इंसान होने की कोशिश कर रहा हूँ मै ।

....कोशिश कर रहा हु की कोई
     मुझसे न रूठे !
 जिन्दगी में अपनों का
     साथ न छूटे !
 रिश्ते कोई भी हो उसे
     ऐसे निभाउ!
 कि उस रिश्ते की डोर ज़िन्दगी भर न छूटे

Reactions

Post a Comment

0 Comments

Close Menu