Augmented Reality - ऑगमेंटेड रियलिटी

 ऑगमेंटेड रियलिटी शब्द का अर्थ वास्‍तविक जैसा वातावरण इसका प्रयोग कम्प्यूटर के माध्यम से किया जाता है | कंप्यूटर के द्वारा एक ऐसा माहौल तैयार किया जाता है जो की वास्तिवक से मिलता- जुलता होता है इससे असली वातावरण और नकली वातावरण में अंतर कर पाना मुश्किल होता है | इसका प्रयोग गेमिंग तथा अन्य कई क्षेत्रों में किया जाता है | ऑगमेंटेड रियलिटी एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसके द्वारा ऑगमेंटेड इमेज, ऑगमेंटेड साउंड और दूसरी कई ऑगमेंटेड चीजों का वातावरण तैयार किया जाता है | 

ऑगमेंटेड रियलिटी क्या है

ऑगमेंटेड रियलिटी एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा आपके आसपास के वातावरण से मिलता- जुलता कंप्‍यूटर जनित वातावरण तैयार किया जाता हैं | बोल – चाल की भाषा में इसे समझने का प्रयास करे तो यह एक ऐसी तकनीक या  प्रोद्यौगिकी है जिसमे आसपास के वातावरण के साथ एक और आभासी दुनिया को जोड़कर एक वर्चुअल सीन तैयार किया जाता है, जो देखने में बिलकुल वास्‍तविक लगता है |

ऑगमेंटेड रियलिटी किस प्रकार कार्य करती है ? (Working Of Augmented Reality)

ऑगमेंटेड रियलिटी तीन चीज़ों पर निर्भर करती है |

  • मोशन ट्रैकिंग
  • लाइट एस्टिमेशन
  • फ्लैट सरफेस

मोशन ट्रैकिंग (Motion Tracking)

जब हम कैमरा का प्रयोग करते है, उस समय कैमरे के साथ गयरोस्कोप भी चलता रहता है |  गयरोस्कोप एक प्रकार का सेंसर होता है, जो फ़ोन कितनी डिग्री पर झुकने की जानकारी देता है | इससे ऑगमेंटेड रियलिटी को मोशन ट्रैकिंग में सहयता मिलती है |

लाइट एस्टिमेशन (Light Estimation)

डिवाइस के सेंसर के द्वारा आस पास की मौजूद लाइट को भी मापा जाता है | इससे वह ऑगमेंटेड रियलिटी के आकारों की परछाई भी बनायी जा सकती है | इसमें दिखने वाले किरदार बिलकुल असली की तरह प्रतीत होते है |

फ्लैट सरफेस (Flat Surface)

जब वातावरण में बराबर का सरफेस मिलता है इसके बाद ही ऑगमेंटेड रियलिटी काम कर पाती है | इसका प्रयोग उबड़- खाबड़ जगह पर नहीं किया जा सकता है | मॉडल बनाने और इंटरेक्शन करने के लिए बराबर का सरफेस होना अतिआवश्यक है |

ऑगमेंटेड रियलिटी का प्रयोग (Uses Of Augmented Reality In Hindi)

ऑगमेंटेड रियलिटी का प्रयोग डिजिटल गेंमिग, शिक्षा, सैन्य प्रशिक्षण, इंजीनियरिंग डिजाइन, शॉपिंग, चिकित्‍सा के क्षेत्र में किया जाता  है |

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