होलोग्रफ़ी क्या है | What is holography
Holography एक visual illusion (दृश्य भ्रम) है, जिसमें हम किसी भी Object को एक display device की मदद से record कर के रख देते हैं और बाद में कभी भी हम उस Object को अपने सामने 3 dimension में देख सकते हैं। यानि आपको ऐसा लगेगा की वह object (आदमी भी हो सकता है) आपके सामने ही है, आप उसको चारो तरफ से भी देख सकते हैं, उसके आर पार भी आसानी से हो सकते हैं मगर आप उसे छू नहीं सकते । जो सिर्फ हमारी आँखों को दिख रहा है पर वह actual में हमारे सामने है नहीं।
होलोग्राम टेक्नोलॉजी का अविष्कार
होलोग्रफ़ी का आविष्कार ब्रिटिश-हंगेरीयन भौतिक विज्ञानी डैनिस गैबर ने सन 1947 में किया था। इसके बाद यह टेक्नोलॉजी धीरे धीरे विकसित हुई और 1960 में इसका यूज़ कम्पनियाँ अपने प्रोडक्ट की सत्यता की पहचान के लिए करने लग गए। और आज भी अपने देखा होगा किसी product, book, या किसी certificate पर होलोग्राम लगा दिया जाता है जिस प्रोडक्ट का पता चलता है । कि वह original है या duplicate मगर यह अभी सिर्फ यहीं तक सीमित है ।
क्या होलोग्राम टेक्नोलॉजी सम्भव है ??
होलोग्राम टेक्नोलॉजी बिलकुल संभव है क्योकि यह सिर्फ एक visual illusion है और हम जिस चीज को भी देखते उसको हम light से ही देखते हैं बिना लाइट का तो बिलकुल अँधेरा नज़र आता है और लाइट में छोटे छोटे particle होते हैं जो इधर उधर रिफ्लेक्ट होते हैं।
“आपने देखा होगा कभी अँधेरे कमरे में आप टौर्च का फोकस तो सीधे दीवार पर करते हैं मगर जहाँ आप खड़े हैं उसके पीछे भी हल्का उजाला हो जाता है क्योंकि लाइट के particle दीवार से रिफ्लेक्ट होकर वहां तक गए और वहां भी रौशनी हो गयी ”
ठीक उसी प्रकार हम लाइट के जरिये किसी ऑब्जेक्ट को रिकॉर्ड कर सकते हैं और फिर बाद में उसको 3d में प्ले भी कर सकते हैं। और ये सब laser light का ही खेल होगा जिस से आपको लगेगा की यह चीज सच में यहाँ पर है।
यदि यह होलोग्राम टेक्नोलॉजी और डेवेलोप होती है तो इस से फिर हम hologram call भी कर सकते हैं और अगर हम दुसरे शहर में भी है फिर भी किसी दुसरे शहर के व्यक्ति से कुछ इस तरह बात कर सकते हैं मानो हम एक दुसरे के आमने सामने हों । मगर अब देखना यह है की साइंस इसको कब तक इस सपने को सच करती है ।
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